Automatic transmission, work, type, in Hindi

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स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission) क्या होता है?

इसके बारे में हम इस Automatic transmission, के इस पोस्ट मे हम बतायेंगे और साथ  मे Work, और  Type, भी बतायेंगे वो भी हिंदी में  in Hindi

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)एक वाहन के इंजन और व्हील के बीच ट्रांसमिशन का एक प्रकार होता है। इसमें वाहन के चलते समय गियर बदलने की ज़रूरत नहीं होती है। इसे ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन भी कहा जाता है।

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)की विशेषताएं

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)वाहन चलाने को आसान बनाता है। इसमें ड्राइवर को गियर बदलने की ज़रूरत नहीं होती है। यह वाहन चलाते समय सोचने और गियर बदलने के लिए समय बचाता है।

इसके अलावा, स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)वाहन के इंजन को बेहतरीन फीडबैक देता है। इससे वाहन की फ्यूल एकॉनमी बढ़ती है और एक सरल वाहन चलाने का अनुभव होता है।

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)के नुकसान

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)के नुकसान भी होते हैं। इसकी मुख्य समस्या है कि यह वाहन के इंजन को ज्यादा तनाव देता है जिससे इंजन की उम्र कम होती है। इसके अलावा, यह वाहन की फ्यूल एकॉनमी कम करता है और साधारण ट्रांसमिशन की तुलना में इसकी रखरखाव भी महंगा होता है।

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)की प्रकार

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)कई प्रकार की होती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख ट्रांसमिशन के प्रकार निम्नलिखित हैं।

ईंजन के बारे में अधीक जांकारी के लिये निचे  दिये पोस्ट को पढे

What is the engine and its types | Parts of Engine | जाने इंजन के बारे मे विस्तार से

What are the 4 types of transmissions?

  1. टोर्क कनवर्टर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन – यह ट्रांसमिशन सबसे आम होती है और इसमें टोर्क कनवर्टर का उपयोग किया जाता है।
  2. डबल क्लच ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन – इसमें दो क्लच होते हैं जो गियर बदलने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  3. एमटी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन – इसमें गियर बदलने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल का उपयोग किया जाता है।
  4. एक्सपैंडेड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन – इसमें गियर बदलने के लिए एक एक्स्ट्रा क्लच होता है।

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)का उपयोग

स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)का उपयोग सभी तरह के वाहनों में किया जाता है। इसके उपयोग से वाहन चलाने का काम आसान बनता है और वाहन की फीचर्स में से एक बन जाता है।

समाप्ति

इसलिए, स्वचालित ट्रांसमिशन (Automatic transmission)वाहन को चलाने को आसान बनाता है और वाहन की फ्यूल एकॉनमी बढ़ाता है। यह वाहन चलाने में समय और मेहनत दोनों का बचाव करता है। इसके अलावा, इसकी विभिन्न प्रकारों में ड्राइवर को अपनी ज़रूरत के अनुसार चुनाव करने की सुविधा होती है।

ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन कैसे काम करता है?

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ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन कैसे काम करता है? इस सवाल का जवाब जानने से पहले आपको यह जानना आवश्यक है कि ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन क्या होता है। ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन एक ऐसा प्रणाली है जो गाड़ी को स्वचालित रूप से चलाती है। इसमें डिफरेंशियल के बजाय टोर्क कनवर्टर का प्रयोग किया जाता है।

ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में आपको चलाने के लिए कोई क्लच नहीं दबाना पड़ता है। यह प्रणाली आपके लिए बहुत सरल होती है। जब आप गाड़ी चलाना शुरू करते हैं, तो ट्रांसमिशन के नियंत्रण इकाई इंजन से जुड़े होते हैं। जब आप गैस देते हैं, तो इंजन और ट्रांसमिशन के नियंत्रण इकाई एक साथ काम करते हुए गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं। जब आप ब्रेक देते हैं, तो ट्रांसमिशन भी इसके अनुसार काम करता है।

ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के अंदर एक टोर्क कनवर्टर होता है। टोर्क कनवर्टर एक घुमावदार इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होता है जो इंजन की शक्ति को ट्रांसमिशन की शक्ति में बदलता है। जब आप गैस देते हैं, तो टोर्क कनवर्टर इंजन से आने वाली शक्ति को ट्रांसमिशन की शक्ति में बदलता है। यह इसलिए होता है क्योंकि टोर्क कनवर्टर के अंदर एक फ्लूइड होता है जो इस शक्ति को लेने में मदद करता है।

ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में एक सॉलेनॉइड वाल्व होती है जो गियर शिफ्टिंग के लिए जिम्मेदार होती है। यह वाल्व होने के कारण ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में आपको कोई गियर चेंज करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के अंदर कुछ गियर होते हैं। आमतौर पर, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में 4-5 गियर होते हैं। जब आप गैस देते हैं, तो ट्रांसमिशन के नियंत्रण इकाई गियर बदलते हुए गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं। इसके लिए ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में एक डिफरेंशियल नहीं होता है।

ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के लिए समय-समय पर मेंटेनेंस करवाना जरूरी होता है। इसके लिए आपको ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन फ्लूइड को नियमित अंतराल पर बदलना होता है। इसके अलावा, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन को भी नियमित रूप से चेक करवाना चाहिए ताकि कोई भी खराबी तुरंत ठीक कर दी जा सके।

ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के बारे में जानकारी होना आवश्यक होता है ताकि आप गाड़ी को सही तरीके से चला सकें। आपको अपनी गाड़ी के मैनुअल के साथ दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके अलावा, आप ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के बारे में नियमित रूप से जानकारी लेते रहना चाहिए ताकि आप इसे सही तरीके से चला सकें।


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